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टोल कलेक्शन में सबसे आगे उत्तर प्रदेश: देश के टॉप 5 राज्यों की दिलचस्प कहानी - Hritik Patel |
अगर आप कभी नेशनल हाईवे
पर यात्रा करते हैं, तो टोल प्लाजा पर टोल चुकाना
आपके सफर का हिस्सा रहा होगा। पहले यह केवल नकद में होता था, लेकिन अब ‘फास्टैग’ के माध्यम से टोल भुगतान एक सुविधाजनक विकल्प बन गया
है। टोल देते समय कई लोगों के मन में यह सवाल जरूर आता है कि आखिर टोल प्लाजा से
कितनी कमाई होती होगी। आज हम आपको देश में सबसे ज्यादा टोल कलेक्शन करने वाले
राज्यों की सूची के बारे में बताएंगे।
सबसे ज्यादा टोल कलेक्शन करने वाले राज्य
सड़क परिवहन और
राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ
इंडिया (NHAI) के हालिया आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश देश में सबसे ज्यादा टोल कलेक्शन करने वाला राज्य है।
आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश ने 32,510 करोड़ रुपये का टोल कलेक्ट किया है। यह आंकड़ा
अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे अधिक है।
इसके बाद दूसरे स्थान
पर राजस्थान है, जिसने 29,808 करोड़
रुपये का टोल कलेक्शन किया है। महाराष्ट्र 25,929
करोड़ रुपये के साथ तीसरे स्थान पर है,
जबकि गुजरात 24,597 करोड़ रुपये के टोल कलेक्शन के साथ चौथे स्थान पर है। पांचवें स्थान पर आंध्र
प्रदेश है, जिसने 22,287 करोड़
रुपये का टोल कलेक्ट किया है।
रोचक तथ्य
एक दिलचस्प बात यह है
कि इन टॉप 4 राज्यों - उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात - में वर्तमान में
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार है। जबकि आंध्र प्रदेश में तेलुगु देशम
पार्टी के नेता चंद्रबाबू नायडू मुख्यमंत्री हैं। हालांकि, यह
राजनीतिक पहलू टोल कलेक्शन से सीधा संबंधित नहीं है, लेकिन
यह चर्चा का विषय जरूर बनता है।
टोल: जरूरत या बोझ?
बेहतर सड़कों और सुगम
यात्रा के लिए टोल वसूली आवश्यक है, लेकिन यह आम
नागरिकों के बजट पर एक बड़ा बोझ भी है। खासकर मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए,
जो लंबी दूरी की यात्रा के दौरान टोल शुल्क को लेकर अक्सर परेशान
रहते हैं।
टोल कलेक्शन का
उद्देश्य सड़कों और राजमार्गों का रखरखाव और विस्तार है, लेकिन पारदर्शिता और उचित शुल्क निर्धारण को सुनिश्चित करना भी उतना ही
महत्वपूर्ण है।
क्या आपको भी टोल शुल्क ज्यादा लगता है? अपने विचार हमारे साथ साझा करें।
- Hritik Patel, Ph.D. Research Scholar