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Union Budget 2025: किसानों को क्या मिलेगा? कृषि क्षेत्र के लिए बड़ी घोषणाएं! |
आगामी 2025 के केंद्रीय बजट में किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं होने की उम्मीद है। फिलहाल जो आप पढ़ेंगे वह उम्मीदें भी हो सकती हैं, और हकीकत में भी बदली जा सकती है।
इसका निर्णय एक फरवरी 2025 को ही हो पाएगा। तमाम सूत्रों से जो हमें जानकारी प्राप्त हुई है, वह मैं आपके मध्य अपने लेख से प्रस्तुत कर रहा हूं। सरकार कृषि क्षेत्र के बजट में लगभग 15% की वृद्धि करने का विचार कर रही है यानी कि इस बार का बजट कृषि क्षेत्र को 1.75 लाख करोड रुपए तक का मिल सकता है। पिछली बार कृषि क्षेत्र को जो बजट मिला था वह केवल 1.52 लाख करोड रुपए का था। वर्तमान में जो बजट जारी होने जा रहा है, वह पिछले 6 वर्षों में सबसे बड़ी बढ़ोतरी के साथ पेश होगा। क्योंकि 2019 से 24 के दौरान कृषि क्षेत्र के बजट में वृद्धि धीमी गति से हो रही थी। हर साल 1 से 5% के बीच वृद्धि होती थी, इस बार 15% की वृद्धि हो सकती है।
अब बात करते हैं कुछ ऐसी योजनाओं की जो किसानों को सीधा प्रभावित कर सकती हैं:
- किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा को वर्तमान में ₹3 लाख रखा गया है, जिसको बढ़कर 5 लख रुपए करने पर विचार किया जा रहा है। ऐसा होता है तो किसानों को सस्ती ब्याज दरों पर अधिक ऋण मिल सकेगा।
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत जहां तक अभी किसानों को मिलने वाली वार्षिक सहायता राशि ₹6000 थी, उसको बढ़कर 8000 या 10000 प्रति वर्ष किए जाने पर विचार चल रहा है।
- सरकारी बीज, कीटनाशक आदि कृषि इनपुट्स पर लागू जीएसटी दरों में कटौती करने पर विचार किया जा रहा है, जिससे कि किसानों को सरकारी बीज व कीटनाशक सस्ते दामों पर मिल सके।
- नवाचार और शोध के क्षेत्र में भी जीडीपी का एक प्रतिशत हिस्सा खर्च करने पर विचार चल रहा है।
ऊपर जिन बिंदुओं को देखकर किसान भाइयों को जरूर कुछ अच्छा लगा होगा। फिलहाल यह अर्थशास्त्रियों की भविष्यवाणी है, हकीकत जैसे कि हम पहले ही बता चुके हैं कि बजट जारी होने के बाद पता चलेगी और फिर कृषि क्षेत्र है, वह केंद्र से ज्यादा राज्य सरकार की योजनाओं पर भी निर्भर करता है, लेकिन अगर ऊपर दिए गए बिंदुओं पर सरकार कुछ कार्य करती है तो केंद्रीय बजट से किसान खुद को सीधा-सीधा जोड़ पाएंगे। कृषि क्षेत्र के बजट में केवल इतना ही नहीं है बहुत कुछ है क्योंकि मनुष्य बहुत कुछ नहीं सुनना चाहता जो सीधा उसको मिल रहा हो उसको सुनकर ज्यादा प्रसन्न होता है इस विचारों को मानते हुए हमने है लेख लिखा है।
~ ऋतिक पटेल (@hellowprofessor)